- जानकीपुरम सेक्टर एच सेक्टर के रूद्राणी पार्क के श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का छठा दिन
लखनऊ(सौम्य भारत)। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से मनुष्य के पाप ताप और संताप मिट जाते हैं। भगवान से भक्त का मिलन होता है। यह उधागार जानकीपुरम सेक्टर एच स्थित रूद्राणी पार्क के श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में वृंदावन से पधारे परम पूज्य आचार्य श्री अमितकृष्ण जी महाराज ने मंगलवार को कही।
आचार्य श्री अमितकृष्ण जी महाराज ने कहा कि भक्तों की परीक्षा भगवान हमेशा लेते हैं। भक्त जब हर प्रकार से परिपूर्ण हो जाता है तब वह महारास की लीला में प्रवेश कर पाता है। भगवान श्री कृष्ण और गोपियो के साथ महारास की लीला प्रारंभ हुई। इस लीला का दर्शन सहज में वही भक्त प्राप्त कर सकता है, जिसके अंदर किसी भी प्रकार का ईश्वर के प्रति कपट न हो, इस लीला का दर्शन करना है तो हमें गोपी बनना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि गोपी किसी स्त्री का नाम नहीं है बल्कि गोपी एक भाव है। हमारे हृदय में जब गोपी रूपी भाव प्रकट हो जाएगा तो हमको महाराज की लीला में दर्शन प्राप्त हो जाएंगे और किसी भी प्रकार का अभाव नहीं रहेगा। वर्तमान समय में प्रायः लोग भगवान की सच्ची लीला पर संदेह किया करते हैं ये वो लोग हैं जो भगवान की लीलाओं से विमुख रहते है।आचार्य श्री ने बताया मथुरा में बुराई का अंत करने के बाद धर्म की स्थापना भगवान ने की साधु संतो व भक्तजनों की रक्षा करते हुए उनकी कामनाओं को पूर्ण करते हैं इसके बाद भगवान द्वारीका नगरी की स्थापना समुद्र के मध्य में करते हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश के भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, परिवहन मन्त्री विनय कटारिया, अखिलेश श्रीवास्तव, धीरज श्रीवास्तव सहित अन्य भक्त मौजूद थे।
भागवत कथा श्रवण मात्र से मनुष्य के पाप व संताप मिट जाते हैं : अमितकृष्ण जी महाराज